गरीब लड़की की दर्द भरी कहानी

एक  गांव  में  एक  साहूकार  अपने  परिवार  के  साथ  रहता  था  परिवार  में  उसकी  पत्नी  एक  बेटी  और  एक  बेटा  था  शानदार  बंगला  नौकर-चाकर  गाड़ियां  और  सब  शानों-शौकत  का  सामान  था उसके  पास।  गरीब  लोगों  को  बहुत  ज्यादा  सूद  यानि  ब्याज  पर  कर्जा  देना  उसका  धंधा  था।  

अक्सर  लोग  तंगी  के  दिनों  में  या  किसी  त्यौहार  या  व्याह  शादी  के  मौके  पर  उस  साहूकार  से  कर्जा  ले  लेते  थे।  जब  फसल  अच्छी  होती  तो  थोड़ा  थोड़ा  कर  के  उतारने  लगते।  लेकिन  जिस  वर्ष  सूखा  पड़ता  तो  क़र्ज़  तो  छोड़ो  गाँव  वाले  सूद  तक  नही  दे  पाते  थे।  इसी  का  फायदा  उठा  वो  साहूकार  उनकी  जमीनों  पर  कब्जा  कर  लेता  कब्जा  कर  उन्हें  बेच  देता  और  खूब  पैसे  कमाता।   गरीब लड़की की दर्द भरी कहानी | हिंदी कहानी | Garib Ladki Ki Dard Bhari kahani

इस  धंधे  में  उसका  बेटा  भी  उसकी  मदद  करता  दोनों  बाप  बेटा  हर  समय  किसी  ना  किसी  गरीब  की  जमीन  हड़पने  की  योजना  ही  बनाते  रहते  एक  दिन  शहर  से  एक  व्यापारी  आया  और  साहूकार  से  गांव  में  जमीन  खरीदने  की  इच्छा  बताई। 

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साहूकार  की  खुशी  का  ठिकाना  ना  रहा  घर  बैठे  बिठाए  जमीनों  का  ग्राहक  मिल  गया  साहूकार  ने  उस  व्यापारी  को  बहुत  सी  ज़मीने  दिखाई  जो  उसने  कर्जे  के  बदले  गांव  वालों  से  हथिया  ली  थी  लेकिन  उस  व्यापारी  को  कोई  भी  जमीन  पसंद  ना  आयी।  गांव  में  घूमते  हुए  व्यापारी  को  एक  जमीन  का  टुकड़ा  पसंद  आया  उसने  साहूकार  से  उस  जमीन  के  बारे  में  पूछा  तो  साहूकार  सोच  में  डूब  गया।   गरीब लड़की की दर्द भरी कहानी | हिंदी कहानी | Garib Ladki Ki Dard Bhari kahani 

असल  में  वह  जमीन  तो  एक  बिन  मां-बाप  की  लड़की  की  थी  जो  वहां  पर  रहती  थी  उस  लड़की  के  मां-बाप  ने  साहूकार  से  बीस  हज़ार  रूपये  कर्ज  लिया  था  मगर  उसे  चुकाने  से  पहले  ही  उनकी  मृत्यु  हो  गई।  बेसहारा  लड़की  की  हालत  देख  गांव  की  पंचायत  ने  साहूकार  से  उस  जमीन  पर  कब्जा  न  करने  को  कहा  भला  पंचायत की बात कैसे टाल सकता था

साहूकार  मगर  दिल  में  हमेशा  ही  उस  जमीन  पर  कब्जा  करने  की  बात  सोचता  रहता  था  आज  व्यापारी  की  इच्छा  सुन  उसका  लालच  बाहर  आ  गया  था  और  उसने  जमीन  पर  कब्जे  का  मन  बना  लिया।  कर्जे  के  सारे  कागज  ले  वह  उस  लड़की  के  घर  पहुंचा  और  कर्जा  वापस  करने  की  बात  कही  जब  लड़की  ने  अपनी  दुर्दशा  बताते  हुए  और  समय  मांगा  तो  साहूकार  ने  कब्जा  करने  की  धमकी  दी।  गरीब लड़की की दर्द भरी कहानी | हिंदी कहानी | Garib Ladki Ki Dard Bhari kahani



कब्जे  की  धमकी  सुन  वह  लड़की  पंचायत  के  मुखिया  के  पास  गई  और  उसकी  जमीन  को  बचाने  की  दुहाई  लगाई  सारे  गांव  में  यह  बात  आग  की  तरह  फैल  गई  की  साहूकार  उस  बेसहारा  लड़की  की  जमीन  पर  कब्जा  करने  वाला  है  यह  बात  उड़ते  उड़ते  साहूकार  की  बेटी  के  कान  में  पड़ी  

अपने  पिता  के  लालच  की  बात  सुन  उसके  मन  में  बहुत  दुख  हुआ  उसने  अपने  पिता  से  इस  बारे  में  बात  करने  की  कोशिश  की  लेकिन  साहूकार  को  तो  सिर्फ  बहुत  बड़ा  मुनाफा  ही  दिख  रहा  था  उसे  बेसहारा  लड़की  की  दुर्दशा  या  अपनी  बेटी  की  निवेदन  का  कोई  असर  न  हुआ  और  उसने  उस  जमीन  पर  कब्जे  का  ऐलान  कर  दिया।  

साहूकार  की  बेटी  ने  भी  जिद  पकड़  ली  कि  उस  लड़की  की  जमीन  पर  कब्जा  न  होने  देगी  पर  अपनी  एक  न  चलती  देख  उसके  दिमाग  में  एक  योजना  सूझी।  अगले  दिन  सुबह-सुबह  वह  बेसहारा  लड़की  और  उसके  साथ  दो  लोग  साहूकार  के  घर  पहुंचे  और  कर्ज  की  5000  की  किस्त  दे  दी  साथ  में  यह  भी  कहा  की  तीन  चार  महीनों  में  क़र्ज़  के  बाकी  रुपए  भी  उन्हें  मिल  जाएंगे।   गरीब लड़की की दर्द भरी कहानी | हिंदी कहानी | Garib Ladki Ki Dard Bhari kahani

रुपया  देने  के  बाद  रसीद  ले  सब  चले  गए  चुकी  अब  किस्त  मिल  गई  थी  इसलिए  पंचायत  ने  भी  कब्जा  नहीं  करने  दिया  साहूकार  बहुत  परेशान  था  कि  आखिर  उस  लड़की  के  पास  इतना  सारा  रुपया  कहां  से  आया  कल  तक  तो  वह  दाने-दाने  को  तरसती  थी  और  आज  पाँच  हज़ार  रुपया  दे  गई  कुछ  भी  ना  समझ  आने  पर  उसने  गांव  वालों  से  भी  पूछताछ  की  लेकिन  कोई  भी  रुपयों  के  बारे  में  नहीं  जानता  था  

कुछ  दिनों  बाद  वह  लड़की  फिर  दो  गांव  वालों  के  साथ  आई  और  क़र्ज़  की  बाकी  रकम  चुका  कर  रसीद  और  कर्ज  के  सारे  कागज  ले  लिए। साहूकार  परेशान  हो  गया  कि  आखिर  इस  लड़की  के  पास  इतना  धन  आया  कहां  से  इस  तरह  कुछ  दिन  और  बीत  गए  एक  दिन साहूकार  को  खबर  मिली  कि  उस  बेसहारा  लड़की  ने अपनी  जमीन  बेच  दी  है  कुछ  कर  तो  सकता  नहीं  था  गरीब लड़की की दर्द भरी कहानी | हिंदी कहानी | Garib Ladki Ki Dard Bhari kahani

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लेकिन  उत्सुकतावश  जाकर  देखा  तो  चौक  गया  जमीन  पर  एक  बोर्ड  लगा  था उस  बोर्ड  पर  जमीन  के  मालिक  का  नाम  देख  साहूकार  की  मानो  सांसे  रुक  गई  हो  मालिक  के  नाम  के  आगे  लिखा  था  उसकी  अपनी  बेटी  और  उस  लड़की  का  नाम  वह  दौड़ा  हुआ  घर  गया  और  बेटी  से  पूछा  कि  यह  क्या  तमाशा  है  

तब  उसकी  बेटी  ने  उसे  बताया  कि  उस  गरीब  लड़की  की  मदद  के  लिए  उसने  अपने  सारे  गहने  बेच  डाले  ताकि  उसकी  जमीन  आपके  कब्जे  से  बच  सके  लेकिन  जमीन  आपसे  छुड़ाते  ही  उस  बेसहारा  लड़की  ने  उदारता  दिखाते  हुए  आधी  जमीन  मेरे  नाम  कर  दी  

बेटी  ने  उसे  समझाया  कि  आप  तो  उस  लड़की  का  आखिरी  सहारा  भी  छीन  रहे  थे  मगर  उस  लड़की  का  बड़प्पन  तो  देखो  उसने  जमींन  छुड़ाते  ही  मेरे  गहनों  के  बदले  अपनी  आधी  जमीन  मुझे  दे  दी। यह  सब  सुन  साहूकार  को  शर्मिंदगी  महसूस  हुई  और  उसने  भविष्य  में  कभी  किसी  की  जमींन  न  हड़पने  का  वचन  दिया।  गरीब लड़की की दर्द भरी कहानी | हिंदी कहानी | Garib Ladki Ki Dard Bhari kahani


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